बग़ैर जिसके एक पल भी गुज़ारा नहीं
होता,
सितम देखिये वही शख़्स हमारा नहीं
होता !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बग़ैर जिसके एक पल भी गुज़ारा नहीं
होता,
सितम देखिये वही शख़्स हमारा नहीं
होता !!
घटा में छुपके सितारे फ़ना नहीं होते,
अँधेरी रात में दिल को दिये बनाके जियो।
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा…
मीठे बोल बोलिए , क्योंकि अल्फ़ाज़ों में जान होती है,
इन्हीं से आरती, अरदास और इन्हीं से अजान होती है|
बेवजह अब ज़िन्दगी में प्यार के बीज न बोए कोई…!!
मोहब्बत के पेड़ हमेशा ग़म की बारिश ही लाते हैं…!!
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,
तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर …
किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का ईलाज ।।
लोगो ने बाँट रखा है मुझे.. दवा की तरह।।
कुछ पन्ने क्या फटे
जिन्दगी की किताब के,
.
ज़माने ने समझा हमारा
दौर ही बदल गया.!!
आँख से दूर न हो..दिल से उतर जायेगा…
वक़्त का किया है..गुज़रता है गुज़र जायेगा…
बहुत मुश्किल से करता हूँ,
तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है…