भले ही मुजे देखकर कुछ बोलती नही मगर…..
सोचती तो होगी कि आ गया मेरा आशिक..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भले ही मुजे देखकर कुछ बोलती नही मगर…..
सोचती तो होगी कि आ गया मेरा आशिक..!!
दिलों में खोट है जुबा से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया में सिर्फ यही व्यापार करते हैं
कल के दिन सभी भारतीय थे …
आज फिर से अपने अपने धर्म में चले गए …..
कडवा सच
मै तो तेरे एहसास से ही महक गया…
खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…
रात की झील में गोते लगाने चल दिए थे
तुम थी,
मैं था,
और एक जगमगाती कश्ती थी !
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं..
मुहोब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मैं..
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो,
…
अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
दोनों की पहली चाहत थी ,दोनों टूट के मिला करते
थे,
वो वादे लिखा करती थी ,में कसमे
लिखा करता था ।।
सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर…
.
चीख भी लेता हू….और आवाज भी नही होती।
बस दुआएँ बटोरनें आया हूँ, माँ ने कहा,
.
दौलत तो साथ जाती नहीं”..