आ ज़ा फिर से

आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….

कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!

माला की तारीफ़

माला की तारीफ़ तो करते हैं सब,
क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं..

काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है.