ऐसा लगता है नाराज़गी बाक़ी है अभी,
हाथ थामा है मगर, उसने हाथ दबाया नहीं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऐसा लगता है नाराज़गी बाक़ी है अभी,
हाथ थामा है मगर, उसने हाथ दबाया नहीं…
जब भी वो उदास हो उसे मेरी कहानी सुना देना
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत है|
ज़रा सी मोहब्बत क्या पी ली…
जिंदगी अब तक लडखडा रही है…
मुठ्ठी भर ही सही..
इश्क सभी को है..
मेरा दिल है सेहरा की रेत सा..
हर जगह तेरे क़दमों के निशाँ मौजूद है..
मीठी यादों के साथ गिर रहा था,
पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था…
लिबास तय करता है बशर की हैसियत
कफ़न ओढ़ लो तो दुनिया काँधे पे उठाती है।
बटुए को कहाँ मालूम
पैसे उधार के हैं …
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में …
बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जायेगे…
आओ हम जुड़ने के अवसर खोजे…!!
हूँ जन्म से ही जिस्म में अपने किरायेदार…
मेरा सफ़र है इस मकान से उस मकान तक…