काश प्यार भी निकाह जैसा होता…….तीन बार प्यार प्यार प्यार कहकर
तेरे हो जाते…..
Category: लव शायरी
वो रोई तो जरूर
वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर,
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में..
मंज़ूर नहीं किसी को
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,
आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..
प्यार अपनों का
प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद ,
जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….
दर्द लिखते रहे….
दर्द लिखते रहे….आह भरते रहे
लोग पढ़ते रहे….वाह करते रहे।
शायरो की महफ़िल
लगती थी शायरो की महफ़िल जहा
सुना है वो जगह अब सुनसान हो गयी|
खुदगर्ज़ बना देती है
खुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी,,
प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता..।।
शीशे में डूब कर
शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को….
कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को……!!
रफ्ता रफ्ता उन्हें
रफ्ता रफ्ता उन्हें भूले हैं मुद्दतों में हम..
किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिये..
कभी पलकों पे
कभी पलकों पे आंसू हैं, कभी लब पर शिकायत है..
मगर ऐ जिंदगी फिर भी, मुझे तुझसे मुहब्बत है..