तुझे तो मिल गये जीवन मे कई नये साथी,
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लेकिन…..
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“मुझे हर मोड़ पऱ तेरी कमी अब भी महसूस होती
है….!!
Category: लव शायरी
आजाद कर देंगे
आजाद कर देंगे तुम्हे अपनी चाहत की कैद से,
मगर, वो शख्स तो लाओ जो हमसे ज्यादा कदर करे तुम्हारी..
जिन्दगी ने दिया सब
जिन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफा ना दी
जख्म दिये सब ने पर किसी ने दवा ना दी
हमने तो सब को अपना माना
पर किसी ने हमे अपनो में जगह ना दी |
उस तीर से
उस तीर से क्या शिकवा, जो सीने में चुभ गया,
लोग इधर हंसते हंसते, नज़रों से वार करते हैं।
गुज़री तमाम उम्र
गुज़री तमाम उम्र उसी शहर में जहाँ…
वाक़िफ़ सभी थे कोई पहचानता न था..
आज तेरी याद
आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये .. तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये कई बार पुकारा इस दिल मैं तुम्हें और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये|
दर्द दे गए सितम
दर्द दे गए सितम भी दे गए.. ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए, दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का, और हमें कभी न रोने की क़सम दे गए
मुझे मालूम है..
मुझे मालूम है.. कि ऐसा कभी.. मुमकिन ही नही !
फिर भी हसरत रहती है कि.. ‘तुम कभी याद करो’ !!
तुझे ही फुरसत ना थी
तुझे ही फुरसत ना थी किसी अफ़साने को पढ़ने की,
मैं तो बिकता रहा तेरे शहर में किताबों की तरह..
हमारी शायरी पढ़ कर
हमारी शायरी पढ़ कर बस इतना सा बोले वो ,
कलम छीन लो इनसे .. ये लफ्ज़ दिल चीर देते है ..