गजलों का हुनर

गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,…

रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,

कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,..

.नदीयाँ की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे!!

बहुत रोये वो

बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ

अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,

अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.