हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है
वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|
Category: प्यार शायरी
दरख्ते नीम हूँ मैं
दरख्ते नीम हूँ मैं, मेरे नाम से घबराहट तो होगी …
छाँव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कडवाहट तो होगी ….
कर दुनिया की तरफदारी
कर दुनिया की तरफदारी हम ,
खुद के खिलाफ हो बैठे हैं ।
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का, बता दे ऐ दोस्त
जो फ़रेब की चादर से लिपटा ना हो…..!!
बस इक हवा का फेर है
बस इक हवा का फेर है वो भी #हवा हो जाएगा
मैं सोचता रह जाऊँगा मुझ में ये मुझ सा कौन है
आसमानों से उतरने का
आसमानों से उतरने का इरादा हो तो सुन
शाख़ पर एक परिंदे की जगह खाली है
बड़ी जल्दी सीख लेते है
बड़ी जल्दी सीख लेते है जिंदगी का सबक
गरीब के बच्चे बात बात पे जिद नहीं करते ||
एक ये ख्वाहिश
एक ये ख्वाहिश कोई ज़ख्म ना देखे
एक ये हसरत कोई देखने वाला होता…
मुझे कहाँ से
मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना …!!
मै तो अपना भी हार बैठा हुँ..
कुछ देर तो हँस लेने दो
कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे…
हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ..!!