एक वो दिन

एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।

कभी खो लिया

कभी खो लिया
कभी पा लिया
कभी रो लिया
कभी गा लिया
कभी छीन लेती है हर ख़ुशी
कभी मेहरबान बेहिसाब है।