एक उसूल पर गुजारी है जिदंगी मैने,
जिसको अपना समझा उसको कभी परखा नही…
Category: प्यारी शायरी
बार बार नहीं कर सकते..
किसी को माफ़ तो
बार बार कर सकते है ,
मगर भरोसा बार बार
नहीं कर सकते…. ।।
बरसती फुहारों में
बरसती फुहारों में भीगकर थोड़ा आराम सा लगता है,
किसी फ़रिश्ते का नशीला भरा ईक जाम सा लगता है.
अरसे बाद कुछ सुकून के पल हुये जैसे हासिल,
फिजा का रंग किसी बिछड़े की पहचान सा लगता है.
कभी देखता हूँ मतलब में भागती दुनिया को तो,
हर शख्स यहां ना जाने क्यों नाकाम सा लगता है.
दूसरों की क्या बात करें जो खुद का हाल हो बुरा,
कहे कोई लाजवाब वो भी ईक ईल्ज़ाम सा लगता है.
किसी रोज़ हँसते हुये देख ले किसी को कोई,
तो है पूछता क्या बात क्यों परेशान सा लगता है.
दर्द का दर्द जाने दर्द को महसूस करने वाला ही,
उसने दर्द में पुकारा जिसको खुद का नाम सा लगता है.
आदमी के ख्वाईशो की
आदमी के ख्वाईशो की इंतहा नहीं
दो गज़ जमीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद
खूबसूरत सा वो पल था
खूबसूरत सा वो पल था …
पर,क्या करें वो कल था !!
दुसरो को सुनाने के लिए
दुसरो को सुनाने के लिए अपनी आवाज ऊँची मत करो,
बल्कि अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा बनाओ,
कि आपको सुनने के लिए लोग इंतज़ार करें..!!
कुछ तो बेवफाई हैं
कुछ तो बेवफाई हैं मुझमें भी,,
जो अब तक जिंदा हुं तेरे बगैर !
तुमसे मोहब्बत है पढाई नही
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी,
तुमसे मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाऐ…!!
रुकता नही तमाशा
रुकता नही तमाशा रहता है खेल जारी
उस पर कमाल देखिए दिखता नही मदारी|
मीठी यादों की
मीठी यादों की चासनीं में भिगोकर हमने।
तेरे इश़्क को, मुरब्बे सा संभाल रक्खा है।