by pyarishayri - April 26, 2017कल रात मैंनेकल रात मैंने अपने सारे ग़म, कमरे की दीवार पर लिख डाले, बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही.
by pyarishayri - April 23, 2017किसे मालूम थाकिसे मालूम था इश्क इस क़दर लाचार करता है,दिल उसे जानता है बेवफा मगर प्यार करता है…
by pyarishayri - April 20, 2017हर वक़्त ख्यालहर वक़्त ख्याल उसका ऐ दिल,क्या मैं तेरा कुछ भी नहीं लगता..
by pyarishayri - April 17, 2017कल जहाँ में थाकल जहाँ में था, आज वहाँ कोई और है। वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है।
by pyarishayri - April 12, 2017यह कैसी आग हैयह कैसी आग है जिसमें जल रहें है हम, जलते ही जा रहे, जले से राख बनते नहीं हम…!!
by pyarishayri - April 11, 2017नज़र उसकी चुभती हैनज़र उसकी चुभती है दिल में कटार की तरह तड़प कर रह जाता हूँ मैं किसी लाचार की तरह उसकी मुलाकात दिल को बड़ा सुकून देती है उससे मिल कर दिन गुज़रता है त्योहार की तरह|
by pyarishayri - April 8, 2017सज़दा कीजिये यासज़दा कीजिये या मांगिये दुआये.. जो आपका है ही नही वो आपको मिलेगा भी नही..
by pyarishayri - April 4, 2017मोहब्बत के रास्तेमोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्युँ न हो…खत्म तन्हाई के खंडहरों में ही होते है…!!
by pyarishayri - March 29, 2017आदतें अलग हैंआदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से, कम दोस्त रखता हूँ, पर लाजवाब रखता हूँ..