बहुत तड़पा हूं खुदाया…
तेरे इक बन्दे के पीछे
Category: दर्द शायरी
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में…
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
हम भी मुस्कुराते थे
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से
देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..
हम भी मोहब्बत करते हैं…
हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही
क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….
कभी बेपनाह बरसी
कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं…
ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…
दो आँखो में…
दो आँखो में…दो ही आँसू..
एक तेरे लिए,
एक तेरी खातिर..!!
जिन की यादों से
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें
दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख…. तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई एक जुस्तजू पे आकर………!फिर चाहे इंतज़ार-ए-इश्क़ हो; या हो दीदार तेरा……….!!