आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो..
सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो..
सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..
महंगाई का आलम ना पूछो दोस्तों घर क्या ले जाना है, जानबूझ के भूल जाता हूँ!!
जिस जिस ने मुहब्बत में अपने
महबूब को खुदा कर दिया..!
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खुदा ने अपने वजूद को बचाने के
लिए उनको जुदा कर दिया..!!
बहुत तड़पा हूं खुदाया…
तेरे इक बन्दे के पीछे
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में…
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से
देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..
हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही
क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….
कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं…
ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…
देते नहीं दाद …. कभी वो कलाम पे मेरे,
जुड़ न जाए कहीं नाम उनका नाम से मेरे