by pyarishayri - July 11, 2017मैं तुझे चांद कह दूंमैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे|
by pyarishayri - July 11, 2017मंजिल मिल ही जायेगीमंजिल मिल ही जायेगी, भटकते हुए ही सही.. गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।
by pyarishayri - July 8, 2017सजदों में भीगती हैसजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |
by pyarishayri - July 8, 2017बैठ कर किनारे परबैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख !!
by pyarishayri - July 8, 2017बस इतनी सी ख्वाहिश हैदिल की बस इतनी सी ख्वाहिश है मेरी तुमसे मुलाकात हो फिर अंजाम चाहे कुछ भी हो !!
by pyarishayri - July 7, 2017तुम तो फुहार सी थीं….तुम तो फुहार सी थीं…. पर तुम्हारी यादें… मूसलाधार हैं…
by pyarishayri - July 6, 2017सुनते आये हैसुनते आये है की पानी से कट जाते है पत्थर, शायद मेरे आँसुओं की धार ही थोड़ी कम रही होगी..!
by pyarishayri - July 6, 2017क्या किस्मत पाई हैक्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकररहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!