तकदीरे बदल जाती है,
जब जिंदगी जीने का कोई मकसद हो वर्ना जिंदगी कट जाती हे,
“तक़दीर” को इल्जाम देते देते !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तकदीरे बदल जाती है,
जब जिंदगी जीने का कोई मकसद हो वर्ना जिंदगी कट जाती हे,
“तक़दीर” को इल्जाम देते देते !!!