ज़माने में गद्दारी का आलम कुछ इस क़दर है…!!!!
… साहिब……
कि सरहद पर खडा जवान भी सोचता होगा,,, हमला बाहर से होगा या अंदर से ?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़माने में गद्दारी का आलम कुछ इस क़दर है…!!!!
… साहिब……
कि सरहद पर खडा जवान भी सोचता होगा,,, हमला बाहर से होगा या अंदर से ?