by pyarishayri - Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, बेवफा शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 21, 2016 और कितने इम्तेहान और कितने इम्तेहान लेगा वक्त तु । जिन्दगी मेरी है फिर मर्जी तेरी क्यों