ख्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…
देखते हैं वक़्त की रफूगिरि क्या कमाल करती हैं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…
देखते हैं वक़्त की रफूगिरि क्या कमाल करती हैं…