by pyarishayri - Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 23, 2017 इक तमन्ना के लिए इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा, ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…