by pyarishayri - Quotes, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 14, 2017 मुमकिन है निकल आये मुमकिन है निकल आये यहाँ कोई मुसाफ़िर रस्ते में लगाते चलो दो चार पेड़ और पेड़ |