एक बार भूल से ही कहा होता की हम किसी और के भी है
खुदा कसम हम तेरे सायें से भी दूर रहते|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक बार भूल से ही कहा होता की हम किसी और के भी है
खुदा कसम हम तेरे सायें से भी दूर रहते|