by pyarishayri - मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 4, 2017 जनाब मत पूछिए जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की,हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है..