by pyarishayri - लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 31, 2016 ताकि शाम को ताकि शाम को खरीद कर कुछ घर ले जा सकुं… मैं शाम तक अपना वक़्त, दफ़्तर में बेचता हूँ …