by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गज़ल, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 28, 2016 ग़ुलाम हूँ अपने घर की ग़ुलाम हूँ अपने घर की तहज़ीब का वरना लोगों को औकात दिखाने का हूनर भी रखता हूँ|