रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है, वो माँ‬ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….

रुके तो चाँद जैसी है
रुके तो #चाँद जैसी है

रुके तो #चाँद जैसी है, चले तो #हवाओं जैसी है,
वो #‎माँ‬ ही है, जो #धूप में भी #छाँव जैसी है….
#PyariShayri #प्यारीशायरी #51

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