कुछ तो रिश्ता तेरा भी हैं कुछ तो रिश्ता मेरा भी हैं
तू आराम से सो जाती है। मैं हर रात बेचैन सा रहता हूँ…… ❗❗
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ तो रिश्ता तेरा भी हैं कुछ तो रिश्ता मेरा भी हैं
तू आराम से सो जाती है। मैं हर रात बेचैन सा रहता हूँ…… ❗❗