खुद के रोने की सिसकियाँ अब सुनाई नही देती ….
हमनें आँसुओं को भी डांट कर समझा रखा है .
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुद के रोने की सिसकियाँ अब सुनाई नही देती ….
हमनें आँसुओं को भी डांट कर समझा रखा है .