बेपर्दगी का आलम क्या बताऊँ तुझको…..
ऐ
दोस्त !!!
कीमती चादरें मजारों पर और “इज्ज़तें”
बेलिबास फिरती हैं
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बेपर्दगी का आलम क्या बताऊँ तुझको…..
ऐ
दोस्त !!!
कीमती चादरें मजारों पर और “इज्ज़तें”
बेलिबास फिरती हैं