मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी,
तेरी उम्र से कहीं ज्यादा मेरे जिस्म पर जख्मो के निशाँ हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी,
तेरी उम्र से कहीं ज्यादा मेरे जिस्म पर जख्मो के निशाँ हैं..