तुम्हारा दीदार वो भी आँखों में आँखे डालकर..
…
ये कशिश कलम से बयां करना भी, मेरे बस की बात नहीं ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम्हारा दीदार वो भी आँखों में आँखे डालकर..
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ये कशिश कलम से बयां करना भी, मेरे बस की बात नहीं ।