आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की,
मुझे भी ज़िद्द है वही आशियाँ बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद हैं, खड़ा हूँ अभी गिरा नहीं हूँ,
अभी जंग बाकी है और मैं भी अभी हारा नहीं हूँ !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की,
मुझे भी ज़िद्द है वही आशियाँ बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद हैं, खड़ा हूँ अभी गिरा नहीं हूँ,
अभी जंग बाकी है और मैं भी अभी हारा नहीं हूँ !!