by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 17, 2016 समंदर बड़ा होकर भी समंदर बड़ा होकर भी अपनी हदों में रहता है। इंसान छोटा होकर भी अपनी औकात भूल जाता है।