क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने

क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को,
कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!

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