दिल की कोरी किताब लाया हूँ, नर्म नाज़ुक गुलाब लाया हूँ ।
तुमने डर-डर के जो लिखे ही नहीं, उन खतों के जवाब लाया हूँ ॥
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल की कोरी किताब लाया हूँ, नर्म नाज़ुक गुलाब लाया हूँ ।
तुमने डर-डर के जो लिखे ही नहीं, उन खतों के जवाब लाया हूँ ॥