by pyarishayri - Shayari, Urdu Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, दर्द शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - June 14, 2016 खुद को जो खुद को जो सूरज बताता फिर रहा था रात को दिन में उस जुगनू का अब चेहरा धुआं होने को था