कल के नौसखिए..सिकंदर हो गए..!
हल्की हवा के झोंके..बवंडर हो गए..!
मै लड़ता रहा..उसूलों की पतवार थामें..!
मै कतरा ही रहा..लोग समन्दर हो गए..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कल के नौसखिए..सिकंदर हो गए..!
हल्की हवा के झोंके..बवंडर हो गए..!
मै लड़ता रहा..उसूलों की पतवार थामें..!
मै कतरा ही रहा..लोग समन्दर हो गए..