पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र,
आज हरे…….
कल सूख जाएँगे….
क्यों ना जड़ों से सीखें… रिश्ते निभाना
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र,
आज हरे…….
कल सूख जाएँगे….
क्यों ना जड़ों से सीखें… रिश्ते निभाना