वो दिन जो गुज़रे तेरे साथ..
काश ज़िन्दगी उतनी ही होती.!!
मुझें छोड़कर वो खुश हैं …तो शिकायत
कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत
कैसी ?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो दिन जो गुज़रे तेरे साथ..
काश ज़िन्दगी उतनी ही होती.!!
मुझें छोड़कर वो खुश हैं …तो शिकायत
कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत
कैसी ?