फ़र्क़ होता है खुदा और फ़क़ीर में;
फर्क होता है किस्मत और लकीर में;
अगर कुछ चाहो और ना मिले;
तो समझ लेना कि कुछ और अच्छा लिखा है तुम्हारी तक़दीर में।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फ़र्क़ होता है खुदा और फ़क़ीर में;
फर्क होता है किस्मत और लकीर में;
अगर कुछ चाहो और ना मिले;
तो समझ लेना कि कुछ और अच्छा लिखा है तुम्हारी तक़दीर में।