जब जलेबी की तरह

अब जब जलेबी की तरह उलझ गई है जिंदगी
तो ख्वाहिशोंसे खीचातानीं ठीक नहीं…
चासनी में डूबकर जिंदगी का लाभ उठाऐ

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