कभी अपनी हथेली पर.. केवल दस मिनट के लिए बर्फ का टुकड़ा रखियेगा..
आपको हनुमनथप्पा के साहस का अनुमान हो जायेगा…।”
मुझे भी.. शब्दवीर बनने का शौक है, लेकिन आज.. मैं.. नि:शब्द हूँ…।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कभी अपनी हथेली पर.. केवल दस मिनट के लिए बर्फ का टुकड़ा रखियेगा..
आपको हनुमनथप्पा के साहस का अनुमान हो जायेगा…।”
मुझे भी.. शब्दवीर बनने का शौक है, लेकिन आज.. मैं.. नि:शब्द हूँ…।