by pyarishayri - जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, लव शायरी, हिंदी शायरी - June 30, 2015 इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है । मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ ।।