आजमाया है आज फिर हवाओं ने तो गिला कैसा..!
वो कौन सा दौर था जब आंधियो ने चिरागों के इम्तिहान ना लिए….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आजमाया है आज फिर हवाओं ने तो गिला कैसा..!
वो कौन सा दौर था जब आंधियो ने चिरागों के इम्तिहान ना लिए….!