तुम्हारा दीदार और

तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
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उफ्फ्फ्फ्फ़…..
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ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!

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