जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है

जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है,

बस ऐक तेरी वफा चाहती है,

कीतनी मासुम और नादान है जीन्दगी ,

खुद बेवफा हे और वफा चाहती है

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