by pyarishayri - Shayari, जिंदगी शायरी, पारिवारिक शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - November 18, 2015 इंसानियत दिल मे होती है इंसानियत दिल मे होती है हैसियत मे नही, उपरवाला कर्म देखता है वसीयत को नही । ?