by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 21, 2017 ख़त जो लिखा मैनें ख़त जो लिखा मैनें इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते..