by pyarishayri - गरूर शायरी, जिंदगी शायरी, दोस्ती शायरी, पारिवारिक शायरी, प्रेणास्पद शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, हिंदी शायरी - July 12, 2015 हम ये भी भूल गए घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…