आते हैं मैख़ाने में तो कलम टूट कर लिखती है,
मुझ से बडी काफिर तो मेरी कलम हो रक्खी है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आते हैं मैख़ाने में तो कलम टूट कर लिखती है,
मुझ से बडी काफिर तो मेरी कलम हो रक्खी है…