शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई,
तुझे भुलाने की ज़िद थी,
मगर तेरी आदत सी हो गई…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई,
तुझे भुलाने की ज़िद थी,
मगर तेरी आदत सी हो गई…!!!
wo Hasti rehti hai..kuch bolti nahi..
raj mohabbat ka kabhi kholti nahi…
kya hai uske dil me.mai janta nahi…
mera dil hai pagal ki ab manta nahi..